एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|
Category: लव शायरी
ये हादसा तो
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था
जिंदगी किसने बरबाद की हैं
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की हैं . हमने उंगली उठाई और अपने ही दिल पे रख दी..!!
हम आईना हैं
हम आईना हैं, आईना ही रहेंगे फ़िक्र वो करें जिनकी शक्लो में कुछ और दिल में कुछ और है!
मेरे हिस्से का वक़्त
मेरे हिस्से का वक़्त कहाँ रखते हो ? देखो तो सही …… इक समुन्दर उग आया होगा वहां ..
मेरे दर्द भरे
मेरे दर्द भरे उदास शेर को हौंसला देने वालों, ज़रा मेरे शिकार लफ़्ज़ों की भी तबियत पूछ लेते।
तुझको पाने की
तुझको पाने की जुस्तजू बहुत है दिल में, मुझसे अब करिश्मा न होगा ख़ुदा ही करे।
दुश्मनी हो जाती है
दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैकड़ों से, इन्सान का बेहतरीन होना ही गुनाह है।
हर वक़्त पल पल
हर दिन हर वक़्त पल पल बेहिसाब जहन में बस तुम ही तुम आँखों में बस एक चेहरा सिर्फ तुम सिर्फ तुम
मैं पेड़ हूं
मैं पेड़ हूं हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरी शाखो से,, फिर भी बारिश से बदलते नहीं रिश्ते मेरे