तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।।
Category: लव शायरी
फुरसत में ही
फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें, दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नही।।
तुझको खबर नहीं
तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले, बर्बाद कर दिया तेरे कुछ दिनों के प्यार ने।।
मेरी हर बात का
मेरी हर बात का जवाब था उसके पास, एक गहरी खामोशी।।
कितनी आसानी से
कितनी आसानी से तुम्हारा जाना हुआ, रोका भी नही रुके भी नही पूछा भी नही सुना भी नही।।
चल तुझे दिखा दू
चल तुझे दिखा दू अपने दिल की वीरान गलिया, शायद तुझे तरस आ जाए मेरी उदास जिंदगी पर।।
कागज पर गम को
कागज पर गम को उतारने के अंदाज ना होते, मर ही गए होते अगर शायरी के अलफ़ाज़ ना होते।।
करूँ क्यों फ़िक्र
करूँ क्यों फ़िक्र कि मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी जहाँ होगी महफिल यारो की मेरी रूह वहा मिलेगी|
इश्क़ का कैदी
इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है, छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।
लगने दो आज महफ़िल
लगने दो आज महफ़िल, चलो आज शायरी की जुबां बहते हैं . तुम उठा लाओ “ग़ालिब” की किताब,हम अपना हाल-ए-दिल कहते हैं.|