दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमो को ज़िन्दगी बहुत भगाती हैं, बचपन गुजरने के बाद…
Category: याद
कहाँ मिलता है
कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला …. जो भी मिलता है, समझा के चला जाता है |
निगाहें फेर कर
निगाहें फेर कर जो हमसे दूर बैठे हैं इधर भी देखिये ज़रा हम बेक़सूर बैठे हैं.!!!!
ना जिद कर
ना जिद कर, अपने हद में रहा कर ए-दिल, कुछ रिश्तों की उमर ही छोटी होती हैं..
इज़हार ए इश्क
लो जी कर दिया ‘इज़हार ए इश्क’ हमने टेलीफोन पर लाख रुपये की बात थी दो रुपये में हो गई
खुशकिस्मत हैं वो लोग
बहुत खुशकिस्मत हैं वो लोग यकीन मानो , जो मांगते भी नही,रोते भी नही और ,मोहब्बत पा लेते हैं ॥
तारीफ किसी की
तारीफ किसी की करने के लिए जिगर चाहिये, बुराई तो बिना हुनर के किसी की भी कर सकते हैं…
सांसों के सिलसिले
सांसों के सिलसिले को ना दो ज़िन्दगी का नाम… जीने के बावजूद भी, मर जाते हैं कुछ लोग !!!
ज़ायका मोहब्बत का..
किसी ने “ज़हर” कहा है, किसी ने “शहद” कहा ……. . कोई समझ नहीं पाता है,,, ज़ायका मोहब्बत का……..
आँखों मैं कुछ ऐसा
तेरा अक्स गढ़ गया है …….आँखों मैं कुछ ऐसा…. सामने खुदा भी हो….. तो दिखता है हूबहू तेरे जैसा…!!!