जब मरने का शौक़ था क़ातिल नहीं मिले जब जान प्यारी हुई तो दुश्मन हज़ार हो गये।
Category: मौसम शायरी
इश्क़ का एक
ख़्वाबों को इश्क़ का एक जहाँ देते है, चलो के अब नींद को आँखों में पनाह देते है..!!
मुश्किल सवाल पूछते हो
ये जो तुम मेरा हालचाल पूछते हो, बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो
रात भर जाग कर
यूँ रात-रात भर जाग कर, ख्वाब पूरे नहीं होते… नादाँ है दिल, अभी इसे बहुत कुछ समझाना है
दराज़ भरता जा रहा है..
दराज़ भरता जा रहा है.. आधी अधूरी ख्वाहिशो से
ज़माने की नज़र में
था वो लाख गुनाहगार ज़माने की नज़र में.. मेरे लिये जज़्बात उसके पाक बहुत थे..!!
जान लेकर ही मानेगा
अपना इनाम लेकर ही मानेगा, ये इश्क है जान लेकर ही मानेगा
तलाश तुम तक थी
एक तलाश तुम तक थी जो हो गयी पूरी, अब तलाश अपनी है, मेँ कही मिलता नही..!!
इक नज़र ऐसी
इक नज़र ऐसी…कि बस पीता ही जाऊँ..!!
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ, मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं