उसके हर झूठ को ,सच से भी ज्यादा सच, मानता था मैं,वो एक अनबुझा ज़हर थी ,जिसे अपनी दवा जानता था मैं….
Category: बेवफा शायरी
कभी कभी लेते है
कभी कभी लेते है तबादला नफरतो से मुसकुराहटे जब जिद्द पे आ जाऐ!
गुम अगर सूई भी
गुम अगर सूई भी हो जाए तो दिल दुखता है और हमने तो मुहब्बत में तुझे खोया था…
पता नहीं कब जायेगी
पता नहीं कब जायेगी तेरी लापरवाही की आदत पागल कुछ तो संभाल कर रख मुझें भी खो देगी वरना..
दिल के सागर में
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो, ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो, बहुत चोट लगती है मेरे दिल को, तुम ख्वाबो में आकर युँ तडपाया ना करो।
सब आ जातें हैं
सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ख़ैरियत’ पूछने….!! अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए…….।।
कागज़ों पे लिख कर
कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नहीं, मैं वो शायरा हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है…।।
जब तुम करीब होते हो
जब तुम करीब होते हो तो मदहोश हुए जाते है जब दूर होते हो तो ख्यालों में ग़ुम हुए जाते है…..
नसीबो में नहीं
नसीबो में नहीं जिनके कमाने और खाने मुझे उनके गुजारे अजीब लगे |
जीना चाहते हैं
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती! बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!