इसी ख़याल से

इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू… तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..

दिल तुम्हारी तरफ

दिल तुम्हारी तरफ कुछ यूँ झुका सा जाता है.. किसी बेइमान बनिए का तराज़ू हो जैसा..

बख्शे हम भी न गए

बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे.. वक्त जानता है, हर चेहरे को बेनकाब करना..

वो मुझे देख कर

वो मुझे देख कर खामोश रहा.. और एक शोर मच गया मुझमें..

मत पहनाओ इन्हें

मत पहनाओ इन्हें मनचाहा लिबास रिश्ते तो बिना श्रृगांर ही अच्छे लगते हैं…

कुछ इस कदर बीता है

कुछ इस कदर बीता है मेरे बचपन का सफर दोस्तों मैने किताबे भी खरीदी तो अपने खिलौने बेचकर

कभी हमसे भी

कभी हमसे भी बातचीत करने का बहाना कर लो मुझको बुला लो या मेरे पास आना जाना कर लो

तंग सी आ गयी है

तंग सी आ गयी है सादगी मेरी मुझसे ही के हमें भी ले डूबे कोई अपनी अवारगी में..!!

इस शहर में

इस शहर में मज़दूर जैसा दर-बदर कोई नहीं.. जिसने सबके घर बनाये उसका घर कोई नहीं..

चल पड़ा हूँ

चल पड़ा हूँ मगर दिल से ये चाहता हूँ.. उठ के मुझे वो रोक ले और रास्ता ना दे..

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