कभी टूटा नही

कभी टूटा नही मेरे दिल से तेरी याद का रिश्ता… गुफ़्तुगू जिस से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..

सख़्त हाथों से

सख़्त हाथों से भी…. छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ…. रिश्ते ज़ोर से नहीं…. तमीज़ से थामे जाते हैं….

नजाकत तो देखिये

नजाकत तो देखिये साहेब..चांद सा जब कहा उनको.. तो कहने लगी..चांद कहिये ना ये चांद सा क्या है..

खुद को गलत भी

खुद को गलत भी…. सही आदमी ही मान सकता है….!!

दूर रह कर भी

उसका नजर से दूर रह कर भी, मेरी हर सोंच में हमेशा रहना….. किसी के पास रहने का तरीका हो, तो ऐसा ही हो….

बड़ा अहसान है

बड़ा अहसान है तेरी सभी नफरतों का मुझपे, तुझसे मिली एक ठोकर ने मुझे चलना सिखा दिया…

हम भी कभी

हम भी कभी अपनो की उदासी दूर किया करते थे, पर जब आज हम तन्हा है तो पूछने वाला कोई नही !!!

यहाँ लोग गिनाते है

यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी मैं अपने आप में खामियां तलाश करता हूँ

किस कदर जोर से

किस कदर जोर से हंसा था दिल ! साफ़ लगता था रोने वाला है !!

बैठा है क्यों

बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में……?? मुझसे तो कह रहा था मुहब्बत फिजूल है……

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