काश..मैं भी पानी का

काश..मैं भी पानी का एक घूँट होता… तेरे होंठों से लगता और तेरी रग-रग में समा जाता|

तेरी सांसों की

तेरी सांसों की महक समाई है इस दिल में, बस तुम महकते रहना तो दिल धड़कता रहेगा|

खामोश हूँ मैं

खामोश हूँ मैं तो क्या…तू भी तो आवाज़ दे कभी… मै भी तो समझूँ….तू कितनी बेचैन है मेरे लिए|

साथ चलता है

साथ चलता है दुआओं का काफिला, किस्मत से कह दो, अभी तन्हा नहीं हूं मै….

दामन पे कोई

दामन पे कोई छींट न खंज़र पे कोई दाग, तुम कत्ल करते हो के करामात करते हो|

मौजूद थी उदासी

मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की, बहला ही रहे थे दिल को, के फिर रात हो गयी|

मैने कब कहा

मैने कब कहा किसी को कि याद रखे हर कोई मुझको मगर मुझे भूला पाना मुमकिन है बस मेरी ही शर्तो पर ……

लगा कर इश्क की बाजी

लगा कर इश्क की बाजी सुना है तुम दिल दे बैठी हो, मोहब्बत मार डालेगी अभी तो तुम फूल जैसी हो…

फ़िक्र तो तेरी

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है… बस जिक्र करने का हक नही रहा…

चलो मुस्कुराने की

चलो मुस्कुराने की वजह ढुंढते हैं, तुम हमें ढुंढो…हम तुम्हे ढुंढते हैं…

Exit mobile version