फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग |
Category: प्यार
मैं जब भी
मैं जब भी अपनी पुरानी स्कूल के पास से गुजरता हूँ सोचता हूँ मुझे बनाने में खुद टूट सी गयी है…. और जब भी में मेरे बेटे की प्रायवेट स्कूल के पास से गुजरता हूँ मुझे हमेशा लगता है मुझे तोड़ कर खुद बन गयी |
ऐसा तराशा है
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको… हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
वक्त इंसान पे
वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|
खेत सूखे सूखे से थे
जिसके खेत सूखे सूखे से थे.. पानी,उसी की आँखों में नजर आया….!!!
फ़न तलाशे है
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग|
ऐसा तराशा है
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको… हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
बड़ी मुश्किलों के बाद
बड़ी मुश्किलों के बाद पत्थर बना हूँ, मैं जीना चाहता हूँ यारो मुझे मोम न करो…
पता नहीं इश्क है
पता नहीं इश्क है या नहीं फिर भी तेरी परवाह करना अच्छा लगता है|
अपनी हर बात रो
अपनी हर बात रो रो के मनवाना ये आँसुओ का गलत इस्तेमाल है साहिब|