धुप से जल कर मरा है वो, कमबख्त चाँद पर कविताएँ लिखता था..!!
Category: प्यार शायरी
ज़माने के लिए
ज़माने के लिए तो कुछ दिन बाद होली है.. लेकिन मुझे तो रोज़ रंग देती हैं यादें तेरी..!!
दिमाग का दिल से
दिमाग का दिल से अगर वास्ता नहीं होता ! क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता…!!
कितनी शिद्दत से
कितनी शिद्दत से तराशा था उस शख्स का किरदार हमने..,. जब हुआ मुक्कमल तो हमे ही पहचानना भूल गया…..
कदर कर लो
कदर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते हैं… दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!
मैं याद तो हूँ
मैं याद तो हूँ उसे, पर ज़रूरत के हिसाब से। मेरी हैसियत, कुछ नमक जैसी है।
दोहरी हुकूमत जताना
दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे,खुद तो बात करेंगे नहीं……. उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।
जो नहीं है हमारे पास
जो नहीं है हमारे पास वो ख्वाब हैं, पर जो है हमारे पास वो लाजवाब हैं…
मेरा खुदा एक ही है….
मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
जब जब भी मै
जब जब भी मै आपका ज़िक्र नही करता तब तब लफ़्ज़ों का मुझसे यूँ रूठ जाना|