थोड़ा परेशान हूँ मैं

सिर्फ ख़ुशी में ही आना, अभी दूर रहो थोड़ा परेशान हूँ मैं…

कोई सुलह करा दे

कोई सुलह करा दे, बड़ी तलब लगी है, मुस्कुराने कि…

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं, क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं….. तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं

रूह में बसा करते थे

रूह में बसा करते थे हम कभी…. अब लफ़्ज़ों में भी रहते नहीं…….

निकाल दिया उसने हमें

निकाल दिया उसने हमें, अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!

कल मिले थे

कल मिले थे राह में, बस नज़रो से बात की, ये वक़्त का तकाज़ा है, वो इशारा नही करते…!!!

दिल में बुराई

दिल में बुराई रखने से बेहतर है आप अपनी नाराज़गी जाहिर कर दें

पंछियों के मज़हब नहीं होते

अच्छा हुआ की पंछियों के मज़हब नहीं होते, बरगद भी परेशां हो जाता, मसले सुलझाते सुलझाते।

तुम्हे देखने की तमन्ना है

तुम्हे देखने की तमन्ना है इस दिल में , तुम्हे छू सकूँ तो बड़ी बात होगी , उस पल के सदके मैं सब कुछ लुटा दूँ , जिस पल हमारी मुलाकात होगी!!!!

उजालो के बावजूद

बड़ी ‘अजीब’ सी है शहरो की रोशनी… उजालो के बावजूद चेहरे ‘पहचानना’ मुश्किल है !!

Exit mobile version