तु ही है जिसे हर किस्सा बताते हैं…….. वरना हमारे लब्ज सुनने को तो दुनिया बेताब है|
Category: प्यारी शायरी
तेरे इनकार की वजह
तेरे इनकार की वजह बता दे बस……..! कसम तेरी.. ज़िन्दगी लुटा दूँगा उसे सुधारने में..
हाथों की लकीरों से
अपने हाथों की लकीरों से ना निकल मुझे.! बड़ी शिद्दत से मैने तेरी इबादत की है.!!
बरबाद कर देती है
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!
तुम ही तुम दिखते हो
तुम ही तुम दिखते हो हमें कुछ हुआ तो जरूर है, ये आइनें की भूल है या मस्त निगाहों का कसूर है !!
इतने चेहरे थे
इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर, आईना तंग आ के टूट गया|
मैं शिकायत क्यों करूँ
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!! तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं….
उनकी नजाकत तो देखिये
उनकी नजाकत तो देखिये साहब…. “चाँद सा” जब कहा तो कहने लगे” चाँद कहिये ना ” ये ” चाँद सा ” क्या है…
मेरी आवारगी में
मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है, जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नहीं लगता।
कागज पे तो
कागज पे तो अदालत चलती है, हमें तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर है..!!