हकीकत से बहुत दूर है

हकीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी… फिर भी एक ख्वाहिश है,कि एक ख्वाब मेरा हकीकत हो जाए

हो सके तो अब के

हो सके तो अब के कोई सौदा न करना, मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ.

ऐ खुदा इश्क़

ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे

जिस समय हम

जिस समय हम किसी का ‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं, दरअसल, उस समय हम अपना ‘सम्मान’ खो रहे होते है…

शौक से तोड़ो

शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह, तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.

कभी तो सोच

कभी तो सोच कि वो श़ख्स कितना था बुलंद, जो बिछ गया तेरे कदमों मे आसमान की तरह…

काँटों में गुलाब

ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं। यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!

चाँद का मिजाज़

चाँद का मिजाज़ भी तेरे जैसा है.. जब देखने की तमन्ना हो, नज़र नहीं आता..

जिंदगी के बारे में

क्या लिखूँ ,अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों..!! वो लोग ही बिछड़ गए,,’जो जिंदगी हुआ करते थे..!!

दुआओं में वो

अब कहां दुआओं में वो बरकते.., वो नसीहतें.., वो हिदायतें.. अब तो बस ज़रूरतों का जुलूस है और मतलबों के सलाम..!

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