सीख जाओ वक्त पर

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना… कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते..!

आज किसी ने

आज किसी ने ये बात कहके दिल तोड़ दिया के लोग तेरे नहीं तेरी शायरी के दिवाने है

वक़्त लगा था

वक़्त लगा था..पर संभल गया… क्यों कि…. मैं ठोकरों से गिरा था किसी की नज़रों से नहीं…!!

छोड़ ये बात

छोड़ ये बात मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको..!! ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाक़ी है..!

तुम ही रख लो

इस दिल को तुम ही रख लो..बड़ी फिकर रहती है इसे तुम्हारी

ज़िंदगी में जो

ज़िंदगी में जो हम चाहते हैं वो आसानी से नहीं मिलता, लेकिन ज़िंदगी का एक सच यह भी है कि जो हम चाहते वो आसान नहीं होता।

समुन्दर की गहराई से ही

जो भी मिलता है, समुन्दर की गहराई से ही मिलता है… कीमती मोती , किसी को किनारे नहीं मिलता हैं….

निकलूँ अगर मयख़ाने से

निकलूँ अगर मयख़ाने से तो शराबी ना समझना मंदिर से निकलता हर शख़्स भक्त नहीँ होता….

निगाहें फेर लेने से

क़ाश निगाहें फेर लेने से.. ताल्लुक़ भी ख़त्म हो जाते

ऐसे तो हालात

तुम पूछो और मैं ना बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं इक ज़रा-सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं

Exit mobile version