तेरी कमी आज भी कोई पूरी नही कर सकता पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमजोरी..
Category: गुस्ताखियां शायरी
हो ना जाए
हो ना जाए हुस्न की शान में गुस्ताख़ी कहीं मेरी जान तुम चले जाओ तुम्हे देखके प्यार आता है
लब ये ख़ामोश रहेंगे..
लब ये ख़ामोश रहेंगे… ये तो वादा है मेरा…! कुछ अगर कह दें निगाहें… तो ख़फा मत होना…
मयखाने की इज्जत
मयखाने की इज्जत का सवाल था, बाहर निकले तो हम भी थोडा लड़खड़ा के चल दिए….
देखे जो बुरे दिन
देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई, इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।
हमारी महोबत ऐसी है…
हमारी महोबत ऐसी है….. आपके ना होते हुऐ भी आपसे ही रहेगी…
उसकी आँखों में
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को….. अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..
इस दुनिया के
इस दुनिया के सभी लोग आपके लिये बहोत अच्छे है, बस शर्त इतनी सी है की आपके दिन अच्छे होने चाहिये !!
सुकून की कमी
जब तुम्हे सुकून की कमी महसूस हो तो अपने रब से तौबा किया करो…….. क्योकि इंसान के गुनाह ही है जो उसे बैचैन रखते है
ग़ुलाम हूँ अपने घर की
ग़ुलाम हूँ अपने घर की तहज़ीब का वरना लोगों को औकात दिखाने का हूनर भी रखता हूँ|