हारे हुए रिश्तों की अक्सर यही हालत रह जाती हैं लोगों की मोहब्बत रहती नहीं पर आदत रह जाती हैं।. तनहाई का सौदा वैसे इतना भी घाटे में नहीं चलता बेचैनी नहीं बसती विराने में, बस राहत रह जाती हैं।. बदलते हुए हालातों से समझौता तो हो जाता हैं परकोई चाहें या ना चाहें, चुपके… Continue reading हारे हुए रिश्तों
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कभी न ख़त्म किया
कभी न ख़त्म किया रौशनी का सफ़र मैंने , … चिराग बुझ गए तो दिल को जलाया मैंने ।
उसे पाने के लिए
किसी ने मुझसे पूछा के तुम उसे पाने के लिए किस हद तक जा सकते हो……? मैंने मुस्कुरा के कहा अगर हदे पार करनी होती, तो उसे कब का पा लिया होता..
गुल्ल्क का शोर
भरे हुए गुल्ल्क का शोर.. छीन लिया है नोंटों ने…
भुला के मुझको
भुला के मुझको, अगर आप भी हो सलामत,… तो भुला के मुझको, सम्भालना मुझे भी आता हैं !
बेबसी किसे कहते है
बेबसी किसे कहते है ये पूछो उस परिंदे से…,. जिसका पिंजरा रखा भी तो खुले आसमान के तले ….!!!
हमारी क़दर ना हो
जहाँ हमारी क़दर ना हो वहाँ रहना फिज़ूल है… चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल…
उसकी चाहत का
उसकी चाहत का मैं ,और क्या सबूत दूँ …. उसने लगाई भी बिंदी तो मेरी आँखों में देख कर…!!!
अँधेरों में रूहें
उजालो में जिस्म चमकते है अँधेरों में रूहें……….!
लकीर खींच के
लकीर खींच के बैठी है तिश्नगी मेरी बस एक ज़िद है कि दरिया यहीं पे आएगा