ज़िंदगी क्यों ऐसी नहीं जैसी होनी चाहिए !!! ज़िंदगी क्यों वैसी है जैसी नहीं होनी चाहिए !!!
Category: हिंदी
तुम कौन हो
बेवफाई का आलम तो देखिए. मेरे पास आके पूछते है तुम कौन हो….!!!
तेरी जगह आज भी
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता..खुबी तुझ में नहीं कमी मुझ में है..
इतिहास के वारसदार हैं
कहानीयो के हकदार नही, इतिहास के वारसदार हैं हम !!
जख्मों को छुआ है
अब इससे ज्यादा और क्या नरमी बरतूं दिल के जख्मों को छुआ है तेरे हसीं गालो की तरह|
तन्हाई क्या हैं
तन्हाई क्या हैं खुद ही समझ जाओगे किसी की याद मैं कभी आसूं बहाया करो
इश्तेहार दे दूँ
इश्तेहार दे दूँ कि ये दिल खाली है, वो जो आया था किरायेदार निकला!
सौ बार मरना चाहा
सौ बार मरना चाहा, निगाहों में डूब कर वो निगाह झुका लेते हैं, हमें मरने नहीं देते……
डूबकर देख एक पल मुझमें
डूबकर देख एक पल मुझमें, ढूँढ ले मुश्क़िलों के हल मुझमें….।।
जागा हुआ ज़मीर
जागा हुआ ज़मीर वो आईना है सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं |