रात की झील में गोते लगाने चल दिए थे तुम थी, मैं था, और एक जगमगाती कश्ती थी !
Category: व्यंग्य शायरी
मुहोब्बत करोगे तो
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं.. मुहोब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मैं..
जिन्दगी जख्मो से
जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!
चीजें बेच रहा हूँ
आज अपनी फालतू चीजें बेच रहा हूँ मैं, है कोई ऐसा जिसे मेरी शराफत चाहिए !!
बन के तुम मेरे
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो, … अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
लिखा करती थी
दोनों की पहली चाहत थी ,दोनों टूट के मिला करते थे, वो वादे लिखा करती थी ,में कसमे लिखा करता था ।।
सुकून मिलता है
सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतार कर… . चीख भी लेता हू….और आवाज भी नही होती।
मेरी सादगी से
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर…!! पैसौ की अमीरी तो आम बात है .. दिल की अमीरी खुदा किसी किसी को देता है.
चलो छोड़ दो
चलो छोड़ दो मुझकों मग़र इतना तो बता दो की तुम मुझें याद करते थे या वक़्त बर्बाद करते थे !!!
प्यार उम्मीद से
तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर, प्यार उम्मीद से काम हो तो सजा ए मौत दे देना..