ज़िस्म की दरारों से रूह नज़र आने लगी बहुत अंदर तक तोड़ गया इश्क़ तेरा
Category: व्यंग्य शायरी
तेरे आने से पहले
दो ही गुज़रे हैं वक़्त कठीन एक तेरे आने से पहले एक तीरे जाने के बाद
किसी और का
क्या मिला तुझें मेरा ना होकर तु रह भी नही पायेगा पूरा,किसी और का होकर
जीना सीख लिया
राज की बात दर्द जब मीठा लगने लगे तब समझ जाइये… कि आपने जीना सीख लिया है..
राज ए उल्फत
राज ए उल्फत का तजूरबा तो हो तेरा दिल मुझपे आशियाना तो हो चांद निकलेगा रोज मेरे घर में हुस्न जैसा कोई आईना तो हो |
मद भरी नज़रें
सुना है मद भरी नज़रें तेरी पीने नहीं देती इज़ाज़त हो तो हम नज़रे मिला के देख लेते हैं.!!
सोचती तो होगी
भले ही मुजे देखकर कुछ बोलती नही मगर….. सोचती तो होगी कि आ गया मेरा आशिक..!!
दिलों में खोट है
दिलों में खोट है जुबा से प्यार करते हैं, बहुत से लोग दुनिया में सिर्फ यही व्यापार करते हैं
आज फिर से
कल के दिन सभी भारतीय थे … आज फिर से अपने अपने धर्म में चले गए ….. कडवा सच
इश्क होता तो
मै तो तेरे एहसास से ही महक गया… खुदा जाने इश्क होता तो क्या होता…