ज़िँदगी का खेल अकेले नहीँ

ज़िँदगी का खेल अकेले नहीँ खेला जाता.. हमारी तो टीम है आ जाओ या बुला लो . . .

तू जादू हैं

तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!

कहते हैं… काला रंग

कहते हैं… काला रंग अशुभ होता है पर स्कूल का वो ब्लैक बोड लोगों की जिन्दगी बदल देता है…..

एक तू और एक वक्त

एक तू और एक वक्त, अफ़सोस की दोनों ही बदल गए

सच बोल-बोल कर

सच बोल-बोल कर यूं दुश्मनी कब तलक.. झूठ बोलना सीख..कुछ दोस्त बना ले

वैसे ही दिन वैसी ही रातें

वैसे ही दिन वैसी ही रातें ग़ालिब, वही रोज का फ़साना लगता है महीना भी नहीं गुजरा और यह साल अभी से पुराना लगता है……

हमको अब उनका…

हमको अब उनका…. वास्ता ना दीजिए …. हमारा अब उनसे…. वास्ता नहीं…

जाता हुआ मौसम लौटकर

जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. …. काश वो भी कोशिश करके देखे…!!

अब कोई नक्शा नही

अब कोई नक्शा नही उतरेगा इस दिल की दीवार पर….!! तेरी तस्वीर बनाकर कलम तोड़ दी मैंने…

बस ये कहकर

बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने..कि जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता..!!

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