पानी से भरी आँखें

पानी से भरी आँखें लेकर वह मुझे घूरता ही रहा, वह आईने में खड़ा शख्स परेशान बहुत था !!

इसी ख़याल से

इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू… तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..

दिल तुम्हारी तरफ

दिल तुम्हारी तरफ कुछ यूँ झुका सा जाता है.. किसी बेइमान बनिए का तराज़ू हो जैसा..

बख्शे हम भी न गए

बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे.. वक्त जानता है, हर चेहरे को बेनकाब करना..

वो मुझे देख कर

वो मुझे देख कर खामोश रहा.. और एक शोर मच गया मुझमें..

मत पहनाओ इन्हें

मत पहनाओ इन्हें मनचाहा लिबास रिश्ते तो बिना श्रृगांर ही अच्छे लगते हैं…

मुजे ऊंचाइयों पर देखकर

मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग, पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे..

जिस नजाकत से…

जिस नजाकत से… ये लहरें मेरे पैरों को छूती हैं.. यकीन नहीं होता… इन्होने कभी कश्तियाँ डुबोई होंगी…

जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं

जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र, कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं।

चल ना यार हम

चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते हैं हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे|

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