देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे…!!!
Category: व्यंग्य शायरी
सुन कर ग़ज़ल
सुन कर ग़ज़ल मेरी, वो अंदाज़ बदल कर बोले, कोई छीनो कलम इससे, ये तो जान ले रहा है..
ज़िंदगी तो किसी
ज़िंदगी तो किसी और की बक्शी हुई अमानत है….. हम तो बस सांसों की रस्म अदा करते हैं….
धोखा देने के लिए
धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली, तुम ना मिलती तो दुनिया समझ में ना आती..
मेरी तमन्ना न थी
मेरी तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने की… लेकिन मज़बूर को…मज़बूर की…मजबूरियां मज़बूर कर देती है….
दिल भी आज
दील भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है, करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा !!
पैसा और मज़ाक
पैसा और मज़ाक सही समय और सही जगह देख कर उड़ाना चाहिए ….!!
ना वो मिलती है
ना वो मिलती है, ना मै रुकता हूँ .. .. पता नही, रास्ता गलत है या मंजिल !!
हम को भी
हम को भी चैन कि नींद आयेगी एक दिन, एक दिन हम भी ज़मीन ओढ़ कर सो जायेंगे
दिन गुजर जाता है
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में, फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती हैऔर हम फिर बिखर जाते है…