हालात हैं वक़्त है

हालात हैं वक़्त है या फिर ख़ुदा,,, ये रह रह के मुझे परखता है कौन…

दिल के बाहर भी

दिल के बाहर भी कुछ समंदर हैं, थोड़े कम दर्द जिनके अन्दर हैं…!

मुझसे मोहब्बत पर

मुझसे मोहब्बत पर मशवरा मांगते हैं लोग… उसका इश्क़ कुछ इस तरह तजुर्बा दे गया मुझे…

ये जो मेरे हालात हैं

ये जो मेरे हालात हैं एक दिन सुधर जायेंगे मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे

कैसी उलझन बढा रहे हो

हिचकीया दीलाकर ये कैसी उलझन बढा रहे हो आंखे बंद है फिर भी नजर आ रहे हो बस इतना बता दो हमें याद कर रहे हो या अपनी याद दिला रहे हो

तू साथ रहे

तू साथ रहे तो दिल भी गुनगुनाता है, जो तू नहीं तो धड़कन भी शोर लगती है !!

यहाँ दिल तो

यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,मगर कोई दिल से नहीं मिलता !!

मुँह फेर कर बैठे हो

मुँह फेर कर बैठे हो यूं बेरुखी से.. पल ही बीता हैं पर लगा रहा है सदियों सा..!!

कभी बेपनाह बरसी

कभी बेपनाह बरसी , तो कभी गुम सी है ये बारिशें भी कुछ तुम सी है

बड़ी मुश्किल से

बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने सब बेकार हो गयी, अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे की सरकारें ईमानदार हो गयी..

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