देखे हैं बहुत हम ने

देखे हैं बहुत हम ने हंगामे मोहब्बत के आग़ाज़ भी रुस्वाई …..अंजाम भी रुस्वाई….

हमारे बाद अंधेरा

हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में बहुत चराग़ जलाओगे रौशनी के लिए

तुमको दे दी है

तुमको दे दी है इशारों में इजाज़त मैंने…. मांगने से ना मिलूं तो चुरा लो मुझको….

मुझे शायद सूरत देखकर

मुझे शायद सूरत देखकर ही प्यार करना था दिल देख के प्यार करने का नतीजा भुगत लिया मैने !!

जब उस की ज़ुल्फ़ में

जब उस की ज़ुल्फ़ में पहला सफ़ेद बाल आया तब उस को पहली मुलाक़ात का ख़याल आया…

दर्द की भी अपनी ही

दर्द की भी अपनी ही एक अदा है..वो भी सिर्फ सहने वालों पर ही फिदा है..

रात भर तारीफ मैँने की

रात भर तारीफ मैँने की तुम्हारी चाँद इतना जल गया सुनकर कि सूरज हो गया…..!!

उसे देखता ही

वो शायद किसी महंगे खिलौने सी थी… मैं बेबस बच्चे सा उसे देखता ही रह गया…

मौसम का इशारा है

मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में…

प्यार आज भी

प्यार आज भी तुझसे उतना ही है.. बस तुझे “एहसास” नही और हमने भी जताना छोड दिया…

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