हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!
Category: प्रेणास्पद शायरी
बहुत रोये वो
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम, अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
पता नही होश मे हूँ..
पता नही होश मे हूँ.. या बेहोश हूँ मैं…. पर बहूत सोच समझकर खामोश हूँ मैं..!!
यूँ चुराकर नही
यूँ चुराकर नही लाया करते दुसरो की शेर-ओ शायरी को कुछ अपने लफ़्ज़ों पर भी तो एतबार रखिये|
लगाकर आग दिल में
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ…. अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
तकिये के लिहाफ में
तकिये के लिहाफ में छुपाकर रखी हैं तेरी यादें, जब भी तेरी याद आती है मुँह छुपा लेता हूँ
किसकी खातिर अब
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल.. अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
तुम्हारी नाराजगी बहुत
तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
तुम मिल जाओ…
तुम मिल जाओ…..निजात मिल जाये, रोज़ जीने से……………..रोज़ मरने से..!!
काश महोब्बत् मे
काश महोब्बत् मे चुनाव होते, गजब का भाषण देते तुम्हे पाने के लिये