इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी, कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!
Category: प्रेणास्पद शायरी
हिचकियों से एक बात का
हिचकियों से एक बात का पता चलता है कि कोई हमें याद तो करता है, बात न करे तो क्या हुआ कोई आज भी हम पर कुछ लम्हें बरबाद तो करता है…
मैं पेड़ हूं
मैं पेड़ हूं हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरे ,फिर भी हवाओं से,, बदलते नहीं रिश्ते मेरे
वो भी ना भूल पाई
वो भी ना भूल पाई होगी मुझे… क्योंकि बुरा वक्त सबको याद रहता हैं।
इंसान बनने की फुर्सत
इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…
सुनते आये है
सुनते आये है की पानी से कट जाते है पत्थर, शायद मेरे आँसुओं की धार ही थोड़ी कम रही होगी..!
क्या किस्मत पाई है
क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी!!
ज़िन्दगी तस्वीर भी है
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी! फर्क तो रंगों का है! मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर; और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!
या तो हमें मुकम्मल
या तो हमें मुकम्मल, चालाकियां सिखाई जाएं; नहीं तो मासूमों की, अलग बस्तियां बसाई जाएं!
देते नहीं दाद ….
देते नहीं दाद …. कभी वो कलाम पे मेरे, जुड़ न जाए कहीं नाम उनका नाम से मेरे