आए थे मीर ख़्वाब में कल डांट कर गए, क्या शायरी के नाम पर कुछ भी नहीं रहा….
Category: प्यार शायरी
उसे भी दर्द है
उसे भी दर्द है शायद बिछड़ने का, गिलाफ वो भी बदलती है रोज तकिए का…!
कभी ये लगता है
कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
जब तक बिके न थे
जब तक बिके न थे हम, कोई हमें पूछता न था, तूने खरीद के हमें, अनमोल कर दिया |
मेरी वफ़ा का
मेरी वफ़ा का कभी इम्तिहान मत लेना की मेरे दिल को तेरे लिए हारने की आदत है…..
मुझे कुछ नहीं कहना….
मुझे कुछ नहीं कहना……..बस इतनी गुज़ारिश है.. मुझे तुम उतने ही मिल जाओ जितने याद आते हो…
एक वो दिन
एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का, एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
कभी खो लिया
कभी खो लिया कभी पा लिया कभी रो लिया कभी गा लिया कभी छीन लेती है हर ख़ुशी कभी मेहरबान बेहिसाब है।
ये जो ज़िन्दगी की
ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है कभी इक हसीं सा ख्वाब है कभी जानलेवा अज़ाब है।
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर…. रजामंद तुझे भी किया जायेगा…. फरमाईस बता तेरी क्या है पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..