आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो

आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो , ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने की होती है ..

पलकों में कैद कुछ सपने हैं

पलकों में कैद कुछ सपने हैं , कुछ बेगाने और कुछ अपने हैं , ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में , कुछ लोग दूर हो भी अपने हैं .

मोहब्बत तो तलब की राह

मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है

अपने कदमो के निशान

अपने कदमो के निशान अब मेरे रास्ते से हटा दो,, कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं !!

जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..

जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो.. तो वहाँ खुद को समझा लेना चाहिए…

तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी

तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ ..!

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे

सारी उमर एक ही हसरत रही दिल मे कि अपनो में भी काश कोई अपना होता…

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है

जिस दिन तुम्हारी याद मुझ पर हावी होती है । न जाने क्यों वह रात बड़ी देर से गुजरती है !!

यह दमकता हुआ चेहरा

“यह दमकता हुआ चेहरा, यह नशीली आंखें.. चाँदनी रात में मैखाना खुला हो जैसे..!”

चाँद का मिजाज भी तेरे जैसा हैं

चाँद का मिजाज भी तेरे जैसा हैं, जब देखने की तमन्ना हो तो नजर ही नही आता….!!

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