चलते चलते यही सोचता हुँ, किधर चलू, कि जहाँ तुम मुझे मिल जाओ,
Category: प्यार शायरी
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
सवाल ही पैदा नहीं होता
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…? जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
ये दिल है तुम्हारा
सुनो ये तमाम चेहरे तुम्हे गुमराह कर देंगें तुम बस मेरे दिल में रहो ये दिल है तुम्हारा
बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां
बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां दिल ही क़ाबू में नहीं हम क्या करे
हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी
हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,, पर कोई हुनर काम नहीं आता , जब तेरा नाम आता हैं…!!
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।
तेरी चाहतों को सलाम
मेरी आदतों में शुमार, हैं एक तेरा नाम भी… यादों से बेरुखी भी, तेरी चाहतों को सलाम भी….!
एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना
एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना तो सौ बार जुनूँ ने तेरी तसवीर दिखा दी
आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो
आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो जब तक वो आपसे प्रेम करता है…!!