रिश्तों को संभालते-संभालते थकान सी होने लगी है… रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है…!!
Category: दर्द शायरी
मजबूर नही करेंगे
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए, बस एक बार आ जा अपनी यादें वापस ले जाने के लिए…!!!
साथ अगर दोगे तो
साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर, प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर, कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में, आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।
मैं आपकी नज़रों से
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहती हूँ, देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहती हूँ ।
काश कोई रात
काश कोई रात ऐसी मिल जाये, बाँहो को तेरा साथ मिल जाये,, कुछ पल के लिए हँसी खिल जाये, फिर चाहे अगले पल मौत मिल जाये…
जब रुला लेते हैं
जब रुला लेते हैं जी भर के हमें… जब सता लेते हैं जी भर के हमें… तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं…. और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….
अजीब सी बेताबी है…
अजीब सी बेताबी है… तेरे बिना, रह भी लेते है और रहा भी नही जाता..
चलती नहीं दुनिया
चलती नहीं दुनिया किसी के आने से, रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से. प्यार तो सबको मिल जाता है, कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से.
मत रहो दूर
मत रहो दूर हमसे इतना के अपने फैसले पर अफसोस हो जाये… कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी… के आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये..!
उम्र कम थी
उम्र कम थी इश्क़ बेहिसाब हो गया…….!! एक वक्त के बाद ये रोग लाइलाज हो गया….!!