थोडा जान लो

थोडा जान लो मुझे पहले, फिर मोहब्बत करना.. अच्छा होता है जहां में, मौत की वजह जान कर मरना..

मेरी एक ज़िन्दगी के

मेरी एक ज़िन्दगी के,कितने हिस्सेदार हैं लेकिन, किसी की ज़िन्दग़ी में,मेरा हिस्सा क्यों नहीं होता, किसी दिन ज़िन्दगानी में,करिश्मा क्यों नहीं होता, मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ,ज़िन्दा क्यों नहीं होता |

जीत लेते हैं

जीत लेते हैं सैकड़ो लोगो का दिल ये शायरी करके..हम.. लेकिन लोगो को क्या पता अंदर से कितने अकेले हैं हम !!

पूछने लगे हैं

पूछने लगे हैं, अब लोग मुझसे, कि ये शायरियां आखिर हैं किसके नाम… कैसे बता दूँ कि, मेरी हर शायरी के “तुम” सिर्फ “तुम” ही हो !!

खोने की दहशत

खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती ..

मजबूरियां चुपचाप बोली

मजबूरियां चुपचाप बोली कान में,जिंदगी बेचैनियों का नाम है…।।

पुरानी किताब के

हमारा साथ … पुरानी किताब के पीले पड़ चुके पन्नों से आती सोंधी सी महक जैसा …

पाकिजगी मुहब्बत की

पाकिजगी मुहब्बत की मयस्सर हैं सबको…. दामन-ऐ-वफा में कोई अश्क तो कोई हंसी लिए बैठे हैं !!

मुस्कुरा देते हो

मुस्कुरा देते हो मेरी हर बात पर…. सुनते भी हो…या इश्क हो गया है….!!

और भी है मसले

और भी है मसले इश्क़-ओ-गम के सिवा, उदासी की वजह हर बार मोहब्बत ही तो नहीं होती..

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