कोई आँखों से बात कर लेता है

कोई आँखों से बात कर लेता है, कोई आँखों में मुलाक़ात कर लेता है, बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना, जब कोई इंग्लिश में बात कर लेता है.

हमे क्या पता था की जिंदगी इतनी अनमोल है!

हमे क्या पता था की जिंदगी इतनी अनमोल है… कफ़न ओड़ कर देखा तो…. नफरत करने वाले भी रो रहे थे..

क्या है

क्या है? हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है? तुम ही कहो कि ये अंदाज़-ए-ग़ुफ़्तगू क्या है? रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है? चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन हमारी जेब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है?… Continue reading क्या है

टूट गया

टूट गया समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया इतने घुटने टेके हमने, आख़िर घुटना टूट गया देख शिकारी तेरे कारण एक परिन्दा टूट गया, पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन शीशा टूट गया घर का बोझ उठाने वाले बचपन की तक़दीर न पूछ बच्चा घर से काम पे निकला और खिलौना टूट… Continue reading टूट गया

अजीब था उनका अलविदा कहना

अजीब था उनका अलविदा कहना, सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं, बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में, की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नही

खामोश चहरे पर हजारो पहरे होते है!

खामोश चहरे पर हजारो पहरे होते है, हँसती आँखों में भी जख्म गहरे होते है, जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम, असल में उनसे ही रिश्ते ज्यादा गहरे होते है . ये दोस्ती का बंधन भी बडा अजीब है… मिल जाए तो बातें लंबी…. बिछड जाए तो यादें लंबी….।

ये बारिश भी तुम सी है!

ये बारिश भी तुम सी है, जो थम गई तो थम गई।। जो बरस गई तो बरस गई, कभी आ गई यूँ बेहिसाब।। कभी थम गई बन आफताब, कभी गरज गरज कर बरस गई ।। कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई कभी चुप सी है कभी गुम सी है ये बारिश भी सच… तुम… Continue reading ये बारिश भी तुम सी है!

झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे

झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे हम.. ये उन ‪‎दिनों‬ की बात है,जब ‪‎बच्चे‬ थे हम…!!

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