ना मिला है, ना मिलेगा, ज़िन्दगी में आराम कहीं…
मैं हुँ बे-मन्ज़िल मुसाफ़िर…
सुबह कहीं शाम कहीं.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना मिला है, ना मिलेगा, ज़िन्दगी में आराम कहीं…
मैं हुँ बे-मन्ज़िल मुसाफ़िर…
सुबह कहीं शाम कहीं.