इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का करती ऐ बेवफा
हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक है ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का करती ऐ बेवफा
हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक है ।