क्या ऐसा भूकंप नहीं आ सकता,
जिसमें अहम टूट जाए,
जिसमें मतभेद के किले ढह जाएं,
जिसमें घमंड चूर चूर हो जाए,
जिसमें गुस्से के पहाड़ पिघल जाए,
जिसमे नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये,
यदि ऐसा भूकंप आए तो
…. दिल से स्वागत है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या ऐसा भूकंप नहीं आ सकता,
जिसमें अहम टूट जाए,
जिसमें मतभेद के किले ढह जाएं,
जिसमें घमंड चूर चूर हो जाए,
जिसमें गुस्से के पहाड़ पिघल जाए,
जिसमे नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाये,
यदि ऐसा भूकंप आए तो
…. दिल से स्वागत है