प्यार के ख़त

कोई रस्ता है न मंज़िल न तो घर है कोई,आप कहिएगा सफ़र ये भी सफ़र है कोई…
‘पास-बुक’ पर तो नज़र है कि कहाँ रक्खी है,प्यार के ख़त का पता है न ख़बर है कोई..

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