वो छोड़ के गए हमें
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी;
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं ;
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो छोड़ के गए हमें
न जाने उनकी क्या मजबूरी थी;
खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं ;
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।