हर शख्स परिंदों का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त,
बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में जाल बिछाने वाले !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हर शख्स परिंदों का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त,
बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में जाल बिछाने वाले !!