वक्त ने कई जख्म भर दिए, मै भी बहुत कुछ भूल चुका
हूँ..
पर किताबों पर धूल जमने से कहानियाँ कहाँ बदलती है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वक्त ने कई जख्म भर दिए, मै भी बहुत कुछ भूल चुका
हूँ..
पर किताबों पर धूल जमने से कहानियाँ कहाँ बदलती है..