तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
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दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
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दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया