सिर्फ इशारों में

सिर्फ इशारों में होती

मोहोब्बत अगर ..इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता
बस पत्थर

बन के रह जाता ताजमहल ….अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना

देता

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