मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है,
बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है,
बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है|