ना जाने रोज कितने लोग रोते रोते सोते है,
और फिर सुबह झूठी मुस्कान लेकर सबको सारा दिन खुश रखते है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना जाने रोज कितने लोग रोते रोते सोते है,
और फिर सुबह झूठी मुस्कान लेकर सबको सारा दिन खुश रखते है !!