इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं
बात वो दिल में दबा कर रह गए
मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की
बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं
बात वो दिल में दबा कर रह गए
मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की
बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|