जिंदगी तो अपने ही तरीके से

जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है…. औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं। सुबहे होती है , शाम होती है उम्र यू ही तमाम होती है । कोई रो कर दिल बहलाता है और कोई हँस कर दर्द छुपाता है. क्या करामात है कुदरत की, ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है… Continue reading जिंदगी तो अपने ही तरीके से

देखते हैं अब क्या मुकाम

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से.

वो जो मुझसे गैर था नज़दीक

वो जो मुझसे गैर था नज़दीक आया सुबह मेरे जब शाम उसे ले चली वो और करीब आ गया ।

आज गुमनाम हूँ तो फासला रखा है

आज गुमनाम हूँ तो फासला रखा है मुझसे कल मशहूर हो जाऊँ तो कोई रिश्ता मत निकाल लेना

गुफ्तगू करते रहा कीजिये

गुफ्तगू करते रहा कीजिये यही इंसानी फितरत है, सुना है, बंद मकानों में अक्सर जाले लग जाते हैं…

चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी

चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी, कई हस्तियां दर – ब – दर हो जायेगी

जीभ में हड्डिया नहीं

जीभ में हड्डिया नहीं होती फिर भी जीभ हड्डियां तुड़वाने की “ताक़त” रखती हैं..!!

किसी को कुछ देने की इच्छा

किसी को कुछ देने की इच्छा हो तो आत्म-विश्वास जगाने वाला प्रोत्साहन सर्वोत्तम उपहार के रूप में दे|

अलफ़ाज़ तो बहुत हैं

अलफ़ाज़ तो बहुत हैं,मोहब्बत बयान करने के लिए। पर जो खामोशी नहीं समझ सके, वो अलफ़ाज़ कया समझेंगे !!

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