हमसफ़र न था

उसके मिरे ख़याल जुदा थे हरेक तौर हमराह था वो मेरा, मिरा हमसफ़र न था

हैरत की बात है

हैरत की बात है कि दुआ भी न आयी काम माना किसी मतलब से दवा में असर न था

मशवरा तो देते रहते हो

मशवरा तो देते रहते हो.. “खुश रहा करो”.. कभी कभी वजह भी दे दिया करो

बेइन्तहाँ चाहने की

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी. और फिर भी तुझे बेइन्तहाँ चाहने की बेबसी मेरी…

मौका मिले तो

किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना… बड़े नसीब वाले होते है वो, जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…! दूध का सार है मलाई मे……! और जिंदगी का सार है भलाई में…….!!

रोज के मिलने में

हर रोज के मिलने में तकल्लुफ़ कैसा, चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है….!!!

ज़रा सी चोट

ज़रा सी चोट को महसूस करके टूट जाते हैं ! सलामत आईने रहते हैं, चेहरे टूट जाते हैं !! . पनपते हैं यहाँ रिश्ते हिजाबों एहतियातों में, बहुत बेबाक होते हैं वो रिश्ते टूट जाते हैं !! . नसीहत अब बुजुर्गों को यही देना मुनासिब है, जियादा हों जो उम्मीदें तो बच्चे टूट जाते हैं… Continue reading ज़रा सी चोट

कच्चे रिश्ते जरा भी

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

मुवाबजे की अर्ज़ी

हमने मुवाबजे की अर्ज़ी डाली है साहब.. उनकी याद की बारिश ने खूब तबाह किया भीतर तक ।।

धड़कन नहीं रूकती

हर किसी के नाम पर धड़कन नहीं रूकती है धड़कन के भी अपने उसूल होते है………!!

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