मुहँ खोलकर तो हँस देता हूँ मैं हर किसी के साथ….. लेकिन दिल खोलकर हंसे मुझे ज़माने गुज़र गए !!
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अगर प्यार है
अगर प्यार है तो शक़ कैसा अगर नहीं है तो हक़ कैसा..
बोल दिया होता..
बोल दिया होता… तुम्हे दर्द देना है ऐ जिंदगी, मोहब्बत को बीच में लाने की क्या जरुरत थी . . . ?
ख़त में मेरे ही
ख़त में मेरे ही ख़त के टुकड़े थे….. और मैं समझ गया के मेरे ख़त का जवाब आया है
कुछ रिश्तों के
कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते, इसलिए लोग उसे बदनाम कर देते हैं।।
समझा दो अपनी यादों को
समझा दो अपनी यादों को तुम ज़रा… दिन-रात तंग करती हैं कर्ज़दार की तरह….
मैं अपने दिल को
मैं अपने दिल को ये बात कैसे समझाऊँ कि किसी को चाहने से कोई अपना नहीं होता..
मुफ्त में नहीं आता
मुफ्त में नहीं आता, यह शायरी का हुनर…. इसके बदले ज़िन्दगी हमसे, हमारी खुशियों का सौदा करती है…!!
ऐ ज़िंदगी अब तू ही
ऐ ज़िंदगी अब तू ही रुठ जा मुझसे, ये रुठे हुए लोग मुझसे मनाए नहीं जाते…|
मत सोना किसी के
मत सोना किसी के कंधे पे सर रख कर जब वो बिछड़ते है तो तकिये पे भी नींद नहीं आती.