यहाँ तो दिल

कौन कम्बख्त मोबाईल की परवा करता है? यहाँ तो दिल हैंग हो गया है…

मरने के लिए

जहर … मरने के लिए थोडा सा.. ! लेकिन जिंदा रहने के लिए ……. बहुत सारा पीना पड़ता है

ना वो मिलती

ना वो मिलती है ना में रुकता हु.. पता नहीं रास्ता गलत है या मंजिल

रात रोने से

रात रोने से कब घटी साहब बर्फ़ धागे से कब कटी साहब सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..

एहतियातन मेरी हिम्मत

इसे सामान-ए-सफ़र मान, ये जुगनू रख ले, राह में तीरगी होगी, मेरे आंसू रख ले, तू जो चाहे तो तेरा झूठ भी बिक सकता है, शर्त इतनी है के सोने का तराजू रख ले, वो कोई जिस्म नही है जिसे छु भी सके, अगर नाम ही रखना है तो खुशबु रख ले, तुझको अनदेखी बुलंदी… Continue reading एहतियातन मेरी हिम्मत

हक मिलता नही

हक मिलता नही लिया जाता है , आज़ादी मिलती नही छिनी जाती है , नमन उन देश प्रेमियों को जो देश की आज़ादी की जंग के लिये जाने जाते है .

इश्क हो गया

बचपन से लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही किये…!!! बस गलती से इश्क हो गया…!!!

दौलत से नहीं

जब भी देखता हूँ .. किसी गरीब को हँसते हुए .. तो यकीन आ जाता है .. की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..

Intezaar Karte Hai

Log rone ke liye kandha nahi dete, Marne tak intezaar karte hai॥

हिसाब रहता है

फिर कहाँ का हिसाब रहता है ,., इश्क़ जब बेहिसाब हो जाये ,.,!!

Exit mobile version