कुछ इस तरह से मेरी वो फिकर करता है अनजान बनकर ही सही पर मेरा जिकर करता है|
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तू डूबने से
तू डूबने से यकीनन मुझे बचा लेगा, मगर तेरा एहसान मार डालेगा..
अजीब पैमाना है
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का, जिसका जितना दर्द बुरा,शायरी उतनी ही अच्छी।।
दिल से पूछो तो
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो, ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।।
ज़रूरत लगती नही
ज़रूरत लगती नही मुझको तेरी तारीफ़ करने की, मैं ही तो लाया हूँ लाखों मे तुम्हें चुनके।।
महक जाती है
महक जाती है मेरी रूह, ये सुन के कही करीब ही है तू।।
तेरे याद के बिना
तेरे याद के बिना रात मुकम्मल ही नहीं होती, देख तेरी कितनी आदत सी हो गई है मुझे।।
दिन में काम
दिन में काम सोने नही देता, रात में एक नाम सोने नही देता।।
अजीब भूल है तुम्हारी
तुमहे भूलेंगे और वो भी हम?? उफ्फ़ कितनी अजीब भूल है तुम्हारी।।
मोहब्बत आज भी
मोहब्बत आज भी करते है एक दूसरे से, पर बताते अब वो भी नहीं और जताते हम भी नहीं।।