सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी अदा मत बदल, यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार खुदा मत बदल……
Tag: Shayari
वो तब भी थी
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी ये मोहब्बत है …. पढाई नही जो पूरी हो जाए…..
दिल की किताब में
दिल की किताब में गुलाब उनका था, रात की नींद में ख्वाब उनका था, कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा, मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जवाब उनका था…
बेवजह दीवारों पर
बेवजह दीवारों पर इल्ज़ाम है, बँटवारे का… लोग मुद्दतों से एक कमरे में अलग-अलग रहते है…
याद है मुझे रात थी
याद है मुझे रात थी उस वक़्त जब शहर तुम्हारा गुजरा था फिर भी मैने ट्रेन की खिडकी खोली थी… काश मुद्दतो बाद तुम दिख जाओ कहीं….
आदमी को परखने की
आदमी को परखने की इक ये भी निशानी है… गुफ़्तगू ही बता देती है कौन ख़ानदानी है
कौन कहता है आसमां में
कौन कहता है आसमां में सुराख़ हो नहीं सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों!
जन्नत मैं सब कुछ हैं
जन्नत मैं सब कुछ हैं मगर मौत नहीं हैं .. धार्मिक किताबों मैं सब कुछ हैं मगर झूट नहीं हैं दुनिया मैं सब कुछ हैं लेकिन सुकून नहीं हैं इंसान मैं सब कुछ हैं मगर सब्र नहीं हैं|
उस दिल की बस्ती में
उस दिल की बस्ती में आज अजीब सा सन्नाटा है, जिस में कभी तेरी हर बात पर महफिल सजा करती थी।
कभी ये लगता है
कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं